Bollywood’s strangest fantasies take shape

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🔥 सीटी बजा, सीन शुरू! 🔥 आज की गलियों में उठी है एक अनोखी ख़बर, जो सीधा हमारे दिल के ड्रामा-सेल में घुस गई है! याद है 2002 का वो दौर, जब विशाल भारद्वाज ने ‘मकड़ी’ नाम की फिल्म से सभी बच्चों के दिलों में डर के साथ-साथ हंसी का भी तड़का लगाया था? 🙈 ओ बाप रे, शबाना आज़मी दीदी ने जो रची थी वो रोल, वो तो सभी के दिलों को चूर-चूर कर गया।

धड़ाम! मैडम की इस ‘चुड़ैल वाली’ फिल्म ने बच्चों के डर को कॉमिक टच देकर बॉलीवुड में फ़ैंटेसी और हॉरर के मेल का एक नया अध्याय लिखा। बचपन की यादों में छुपा, ये कहानी तो गली-गली की फुसफुसाहट बन गई है। ड्रेसिंग-रूम की दीवार भी हिल गई, सुना है! विशाल भारद्वाज साहब ने जिस तरीके से लोककथाओं को ह्यूमर के मसाले में पिरोया, उसकी मिसाल आज भी कम ही देखने को मिलती है।

🎭 पिछले सीज़न का पाप-धोखा? बिलकुल नहीं! मकड़ी का मैजिक अभी भी बॉलीवुड फैंटेसी में चमक रहा है। लोग कहते हैं कि इस फिल्म ने बच्चों के साथ पेरेंट्स का भी डर दूर किया, और एक पारिवारिक हॉरर का नया फॉर्मेट सेट किया। यार, इस पर तो दोस्त भी कहते थे, “चिकनी चमेली भी शर्मा जाए!”

सोशल मीडिया का बर्तन-भांड भी तेज़ हो गया है। TikTok और Instagram पर इसके मशहूर सीन अब भी चलन में हैं। लगभग 20 साल बाद भी फैंस की जुबां पर है ये मज़ेदार ड्रामा। ड्रामा-मीटर™: 8/10 🔥🔥। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि फैन्स और क्रिटिक्स का कलेक्टिव हिवाली नतीजा है।

ड्रामा-मय भविष्य? सुनते हैं कि विशाल भारद्वाज कुछ नया लेकर आ रहे हैं, जो ‘मकड़ी’ की तरह ही हमें फिर से रोमांचित करने वाला है। भाभी, पकड़ो मुझे, अभी तो पार्टी शुरू हुई है!

तो भई, इस हॉरर-फैंटेसी ने बॉलीवुड में जादुई फैंटेसी की एक नई परिभाषा गढ़ी है, जो सबके दिलों को छू गई। याद रखिए, जहाँ भी कोई नई ड्रामा-आ रही हो, हम जरूर लाएंगे उसका जीता जागता ‘चाय-स्टॉल कमेंट्री’!

क्या अगली करवाचौथ पर टूटेगी ये दोस्ती? popcorn रेडी रखो!

> देसी ड्रामे की अगली खुराक के लिए पढ़ते रहिए DRAMAWOW India!

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