Bollywood’s strangest fantasies take shape
Bollywood की दुनिया में अक्सर ऐसी फिल्में बनती हैं जो बच्चों के लिए भूतो-जादू और हॉरर-फैण्टसी को मज़ेदार तरीके से पेश करती हैं। 2002 की पुरानी फिल्म ‘मकड़ी’ भी ऐसी ही एक फिल्म है, जिसने दर्शकों को चौंका दिया था और आज भी चर्चा में बनी हुई है। इसके निर्देशक Vishal Bhardwaj ने इस फिल्म के ज़रिये लोककथाओं के तड़के के साथ हॉरर को एक देसी अंदाज में पेश किया।
फिल्म ‘मकड़ी’ की खास बातें
- Shabana Azmi ने एक spine-chilling विच की भूमिका निभाई, जो किसी भी सामान्य हॉरर फिल्म से अलग थी।
- यह फिल्म डरावनी होने के बजाय हास्य और लोककथाओं के संयोजन से तैयार की गई थी।
- फिल्म ने बच्चों और परिवार दोनों को ध्यान में रखते हुए मनोरंजन के नए पैमाने स्थापित किए।
- ड्रेसिंग-रूम की दीवार भी हिल गई थी जब Shabana Azmi ने अपने किरदार की प्रैक्टिस की थी, जिससे उनकी लगन और मेहनत का पता चलता है।
फिल्म का प्रभाव और लोकप्रियता
- मकड़ी ने हॉरर को सिर्फ डराने वाली चीज़ नहीं बल्कि परिवार को जोड़ने वाला माध्यम माना।
- Vishal Bhardwaj के कहानी कहने के अंदाज को स्थापित किया और भारतीय सिनेमा में हॉरर-थीम्ड फिल्मों का नया रास्ता खोला।
- सोशल मीडिया पर #MakdeeChallenge चल रहा है, जहाँ बच्चे मम्मी-पापा को डराने की कोशिश कर मनोरंजन कर रहे हैं।
ड्रामा-मीटर™: 8/10 – क्योंकि इस फिल्म में डर के साथ हास्य और फ़ैंटेसी का जादू भी है। मकड़ी एक अमर क्लासिक बन चुकी है।
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